किसानों के लिए अच्छी खबर, अब घर पर बनाएं अपना मिनी कोल्ड स्टोरेज, बिना बिजली-बैट्री करेगा काम इस कोल्ड स्टोरेज में बाहर और अंदर के तापमान में बड़ा अंतर दिखता है. गर्मियों में बाहर का तापमान जहां 34 डिग्री तक जाता है, वही अंदर यह 3 डिग्री तक होता है. खर्च 4.5 लाख के आसपास है लेकिन सरकार आजकल इन कार्यों के लिए सब्सिडी दे रही है.TV9 Hindi Publish Date - 5:05 pm, Sun, 18 April 21Cold Storageमिनी कोल्ड स्टोर की तरह काम करता है पूसा सनफ्रिजSubscribe to Notifications Subscribe to Notificationsकिसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज की समस्या बड़ी है, खासकर सब्जी और फल उगाने वालों के लिए. अपनी फल-सब्जी को किसी कोल्ड स्टोरेज को किराये पर रखना होता है या औने-पौने दामों पर उसे बेचना होता है. कोल्ड स्टोरेज ज्यादातर सरकारी या प्राइवेट कंपनियों के हैं जिसमें भंडारण के लिए किसानों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है. अब इस समस्या से निजात मिलती दिख रही है क्योंकि पूसा स्थित IARI की एक वैज्ञानिक ने ऐसा कोल्ड स्टोर बनाया है जो बिना बिजली या बैट्री के चलेगा. कोई किसान आसानी से अपने घर पर इसे लगा सकेगा.घर पर लगाए जाने वाले इस कोल्ड स्टोरेज का नाम पूसा सनफ्रिज है. जैसा कि नाम से जाहिर है कि यह कोल्ड स्टोरेज एक फ्रिज की तरह काम करेगा जिसे सौर ऊर्जा पर चलाया जा सकेगा. इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI) की प्रधान वैज्ञानिक संगीता चोपड़ा ने इस सनफ्रिज का इजाद किया है जिसकी मदद से किसान घर पर अपना कोल्ड स्टोरेज लगा सकते हैं. संगीता चोपड़ा ने पूसा फार्म सनफ्रिज का निर्माण किया है जो कोल्ड स्टोरेज की तरह काम करता है.कैसे करता है कामयह ऐसा कोल्ड स्टोर है जो सिर्फ और सिर्फ धूप या सौर ऊर्जा से चलता है. बाहर जितनी धूप तेजी होगी, अंदर उतना ही कमरा ठंडा होगा और रेफ्रिजरेशन का काम भी तेज करेगा. इस कोल्ड स्टोर में दिन में तापमान 3-4 डिग्री तक रहता है. इसकी खासियत है कि इसे चलाने के लिए बिजली की जरूरत नहीं होती, न ही किसी केमिकट बैट्री की. इसे चलाने के लिए पानी की बैट्री बनाई गई है जो सिर्फ पानी पर चलती है और रात में जब धूप नहीं होती तो कोल्ड स्टोर को ऊर्जा देती है.3 डिग्री तक होगा तापमानबाहर से इसकी बनावट भी काफी पेचीदा नहीं है और न ही कुछ ज्यादा खर्च है. बाहर से कपड़े की टाट लगाई गई है जिसे भिंगो कर रखा जाता है ताकि अंदर ठंड बनी रहे. ठीक वैसे ही जैसे घड़े को बाहर से भिंगाते हैं ताकि अंदर का पानी ठंडा रहे. इस कोल्ड स्टोरेज में बाहर और अंदर के तापमान में बड़ा अंतर दिखता है. गर्मियों में बाहर का तापमान जहां 34 डिग्री तक जाता है, वही अंदर यह 3 डिग्री तक होता है. इससे फलों और सब्जियों को संभाल कर रखा जा सकता है. गर्मियों में फल-सब्जियां ज्यादा तापमान नहीं झेल पाते और जल्द खराब हो जाते हैं. इससे निजात दिलाने में यह कोल्ड स्टोर कारगर साबित हो सकता है.सोलर पैनल से मिलेगी ऊर्जाकोल्ड स्टोर की छत पीवीसी पाइपों से बनी है जिसमें पानी डलता है. किसानों के लिए यह पाइप सुलभ है क्योंकि इसकी कीमत भी कम होती है. किसानों को इस पर ज्यादा पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पीवीसी पाइप के जरिये पानी की बैट्री बनाई जाती है जो रात को कमरे को ठंडा रखती है. दरअसल, इसमें जो रेफ्रिजरेंट लगा है वह 75 परसेंट पानी को ठंडा करता है और 25 परसेंट उसे हवा ठंडा करती है. छत पर सोलर पैनल लगे हैं और बाहरी दीवार को कपड़े और थर्मोकोल से बनाया गया है.कितना आएगा खर्चकुल खर्च की बात करें तो इसे बनाने में 4.5 लाख रुपये का खर्च आ रहा है. लेकिन किसी बड़े कोल्ड स्टोर से इसकी तुलना करें तो यह किफायती है. साथ ही, किसान अगर अपने से इसे बनाने की कोशिश करे और अपनी मेहनत लगाए तो लागत बहुत कम हो सकती है. इसे लगाने में आर्थिक तौर पर बड़ी परेशानी नहीं आएगी क्योंकि सरकार की तरफ से कई क्षेत्रों में सब्सिडी दी जा रही है. सौर ऊर्जा के लिए हो या कोल्ड स्टोरेज बनाने की बात हो, सरकार इसके लिए सब्सिडी दे रही है. सब्सिडी के माध्यम से किसान इस तरह का कोल्ड हाउस बना सकते हैं और अपने उत्पाद को खराब होने से बचा सकते हैं.ये भी पढ़ें: इस पेड़ पर पूरे साल लगते हैं आम! क्या सही में कमाई का अच्छा जरिया बन सकती है ये खास किस्म?
महाभारत में कई ऐसे योद्धा है जिनका वर्णन नहीं किया है पर मैं उन योद्धा का वर्णन करूंगा।
भागदत्त-
पागज्योतिष का राजा नरकासुर का पुत्र भागदत को अर्जुन भीम सातकि एक साथ हरा नहीं पाये थे यह युद्ध में इन्द्र के समान योद्धा था । अर्जुन ने इनका वध छल से किया राजसूय यज्ञ में भी अर्जुन इनको हरा नहीं पाते थे तो इन्द ने सुलह कराई और इन्हीं के कारण अर्जुन का दिग्विजय विफल हुआ।
कृतवर्मा-
भगवान कृष्ण के भक्त कृतवर्मा ने महाभारत युद्ध में चार पांडव और उनके बेटे को हराया । ये भगवान कृष्ण की नारायणी सेना का सेनापति था और सातकि से इनका बैर था और उसको हर बार हराया पर वह हारने पर रण छोड़ कर पलायन कर जाता इस कारण वह बच गया महाभारत युद्ध में। ये अर्जुन को भी परास्त कर देते अगर भगवान कृष्ण अर्जुन के सारथी न होते क्योंकि ये भगवान कृष्ण का सम्मान करते थे।
भूरिश्रवा-
इन्द्र के बराबर का योद्धा भूरिश्रवा ने महाभारत युद्ध में रणछोड सातकि को कई बार हराया पर वह युद्ध छोड़कर भाग खड़े हुए जब एक बार सातकि को मारने वाले थे तभी अर्जुन ने कायरतापूर्ण काम करके पीछे से तीर चलाकर इनका एक हाथ काट दिया और तभी कायर सातकि ने ध्यान मुद्रा में बैठे भुरिश्रवा का वध कर दिया और अर्जुन पर कायर का कलंक लगा ।
साम्ब-
भगवान कृष्ण का पुत्र और दुर्योधन का दामाद साम्ब भी नारायणी सेना का एक महासेनापति था पर कृष्ण ने इनको युद्ध करने से मना किया और ये अपने ससुर दुर्योधन वध के बाद अपने पिता भगवान कृष्ण से घृणा करने लगे ।
सुशर्मा-
त्रिगर्त के राजा सुशरमा को दुर्योधन ने वचन दिया की उसका सिर कभी भी किसी के आगे नहीं झुकेगा पर अर्जुन ने दिग्विजय में सुशरमा को हराया और उसका अपमान किया इससेे सुशरमा अर्जुन से युद्ध करने को आतुर थे। महाभारत युद्ध में अर्जुन को एक बार सेना लेकर बंदी बना लिया और अर्जुन को अधमरा कर दिया पर इतने में कृष्ण ने अर्जुन को बचाकर सुशरमा का वध कर दिया । इसने अर्जुन को कई बार घायल किया और अधमरा किया।
विकर्ण
दुर्योधन का भाई विकरण एक अतिमहारथी योद्धा था इसने दोण की गुरु परीक्षा में धुपद को बंदी बना लेता पर दुर्योधन की नीति के कारण पीछे हटना पड़ा ।यह धर्म को मानने वाले योद्धा थे और दोपदी चीरहरण का खुल कर विरोध जताया पर दुर्योधन नहीं माना इसका वध भीम ने कम पीड़ा देकर किया।
प्रदुमन
भगवान कृष्ण का पुत्र प्रदुम्न नै अर्जुन को राक्षश निकुंभ से बचाव किया वरना निकुंभ अर्जुन का वध कर देता।
महाभारत युद्ध में इन्होंने कृष्ण के कहने पर भाग नहीं लिया और घायल सैनिकों का उपचार किया और भोजन की व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया। इनका वर्णन स्कनदपुराण में मिलता है महाभारत में नहीं।
सोमदत्त-
भीष्म पितामह के चचेरे भाई थे। इन्होंने उपपाडव को कई बार हराया और युद्ध छोड़कर चले जाने पर विवश किया। सातकि को 14 बार हराया पर हर बार समर्पण के कारण उसे छोड़ दिया। भीष्म पितामह को महाभारत युद्ध में कई बार सहायता दी जब वह घायल हुए।
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