शास्त्रों के अनुसार मनुष्य को पांच ऋण चुकाने होते हैं बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब द्वारा1.माता का ऋण2.पिता का ऋण3.गुरु का ऋण4.धरती का ऋण5.धर्म का ऋणइन्हे कभी नही चुकाया जा सकता1.माता का ऋण चुकाने के लिये कन्या दान करना चाहिए2.पिता का ऋण चुकाने के लिए संतान उत्पति करनी चाहिए3.गुरु ऋण चुकाने के लिए लोगों को शिक्षित करना चाहिए4.धरती का ऋण चुकाने के लिए कृषि करें या पेड लगाएं5.धर्म का ऋण चुकाने के लिए धर्म का प्रचार करेंसनातन शिक्षा व धर्म का प्रसार करें -आधिकांश समस्याएँ स्वतः ही समाप्त हो जाएगी!
शास्त्रों के अनुसार मनुष्य को पांच ऋण चुकाने होते हैं बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब द्वारा
1.माता का ऋण
2.पिता का ऋण
3.गुरु का ऋण
4.धरती का ऋण
5.धर्म का ऋण
इन्हे कभी नही चुकाया जा सकता
1.माता का ऋण चुकाने के लिये कन्या दान करना चाहिए
2.पिता का ऋण चुकाने के लिए संतान उत्पति करनी चाहिए
3.गुरु ऋण चुकाने के लिए लोगों को शिक्षित करना चाहिए
4.धरती का ऋण चुकाने के लिए कृषि करें या पेड लगाएं
5.धर्म का ऋण चुकाने के लिए धर्म का प्रचार करें
सनातन शिक्षा व धर्म का प्रसार करें -
आधिकांश समस्याएँ स्वतः ही समाप्त हो जाएगी!
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